पिछले ७ महीनो से पूरे विश्व में और लगभग ५ महीनो से भारत में जो वातावरण बना हुआ है कोरोना विषाणु के प्रकोप से , वह मेरे पिछले लेख "जीवन की अनिश्चितताएं " का ही कदा चित यथार्थ रूप है और यह घटनाक्रम इसको सिद्ध भी करता है। जिस भी पीढ़ी का जन्म द्वितीय विश्व युद्ध (1939) के बाद हुआ है उनके लिए संभवतया ऐसा संकट और ऐसा एकाकीपन वाला माहौल पहली बार ही बन रहा है , और इस माहौल में हमारी ताज़ा तरीन युवा पीढ़ी को सबसे ज्यादा एकाकीपन और अवसाद का सामना करना पड़ रहा है कियो...
यह जो प्रेशर है न की हर चीज में हर समय हर जगह आपको होना है और अच्छा दिखना है। यह सही नहीं है दोस्तों। कोई भी चीज जैसी भी है अच्छी या बुरी बस वह है। यह सबसे सुन्दर है। एक बात बता रहा हूँ दोस्तों की अगर अपनी मेन्टल हेल्थ अच्छी रखनी है तो यह प्रेशर लेना छोड़ दो।
There is no such thing as "the best", the biggest mistake people make is that they want to choose that which is the best. Whether it is your career, marriage, spiritual choices, ultimate choices- there is no best thing to do in your life. If you put your everything into what you choose to do, it becomes a great thing.
Comments
Post a Comment
Please do share your wonder and valuable thoughts. it will be highly appreciated